गुप्तेश्वर पांडेय को ना बक्सर की सीट मिली…ना वाल्मीकिनगर, सोशल मीडिया पर किया इमोशनल पोस्ट
1 min readपटना. बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) ने बिहार चुनाव से कुछ दिन पहले वीआरएस ले लिया था. वीआरएस लेने के बाद उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी. जेडीयू में शामिल होने के बाद उनके चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई थी. गुप्तेश्वर पांडेय के बक्सर से चुनाव लड़ने की चर्चा थी. अपने सोशल मीडिया पोस्ट से उन्होंने अपना बक्सर प्रेम भी जाहिर किया था. मगर बिहार एनडीए में जब सीटों का बंटवारा हुआ तो यह सीट बीजेपी के हिस्से में चली गई. बीजेपी ने इस सीट से परशुराम चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाया है, जिसके बाद गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) की उम्मीद खत्म हो गई.
गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) को वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से उपचुनाव में प्रत्याशी बनाने की उम्मीद थी, मगर जेडीयू ने इस सीट से सुनील कुमार को प्रत्याशी बनाया है. सुनील कुमार स्व. बैद्यनाथ महतो के पुत्र है. बैद्यनाथ महतो के निधन के बाद ही यह सीट खाली हुई थी. वहीं दोनों सीटों में से कहीं से टिकट नहीं मिलने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. टिकट नहीं मिलने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी है.
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अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूँ। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूँ। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको…
Posted by Gupteshwar Pandey on Wednesday, October 7, 2020
गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) ने अपने फेसबुक पर पोस्ट लिखा है कि अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा। कृपया धीरज रखें और मुझे फ़ोन नहीं करे। बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मज़हब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम! अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें .