Bihar Election: रिश्तों पर भारी सियासत, कहीं सास-बहू आमने-सामने, तो कहीं देवर-भाभी के बीच मुकाबला
1 min readबिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में इस बार सियासत की वजह से रिश्तेदारों के बीच जंग छिड़ी है. चुनाव में कहीं सास के खिलाफ बहू ने मोर्चा खोल दिया है तो कहीं पिता के सामने बेटा ताल ठोक रहा है. इतना ही नहीं कुछ सीटों पर भाई के सामने और देवर के सामने भाभी की भी चुनौती है. इन सीटों पर दिलचस्प जंग देखने को मिल रहा है.
रामनगर में सास को चुनौती दे रहीं बहू
रामनगर विधानसभा चुनाव (Ramnagar Assembly Election) पर विधायक भागीरथी देवी के सामने उनकी बहू रानी कुमारी की चुनौती है. भाजपा से प्रत्याशी और स्थानीय विधायक भागीरथी देवी के खिलाफ उनकी बहू चुनावी मैदान में हैं. दोनों प्रत्याशियों के बीच जुबानी जंग भी जारी है. बहू रानी का कहना कि उनकी सास जब अपना घर नहीं संभाल सकीं तो विधानसभा क्षेत्र क्या संभाल पाएंगी.
जोकीहाट में भाई के खिलाफ भाई मैदान में
जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र (Jokihat Assembly Election) में दो भाईयों के आमने- सामने होने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. कभी सीमांचल के कद्दावर नेता रहे स्व. सांसद तस्लीमुद्दीन के दो बेटे इस सीट पर विधायक बनने के लिए आमने-सामने हैं. जोकीहाट के निवर्तमान राजद विधायक व तस्लीमुद्दीन के छोटे पुत्र का टिकट काटकर बड़े भाई और पूर्व सांसद सरफराज आलम को राजद ने टिकट तो तस्लीमुद्दीन के छोटे बेटे मो. शाहनवाज एआईएमआईएम के टिकट पर मैदान में उतर गये. इस सीट से मो. शाहनवाज 2018 के उपचुनाव में जीते थे, जबकि सरफराज 2000, 2010 और 2015 में जीते थे.
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पिता के सामने बेटा ठोक रहा ताल
पीरपैंती विधानसभा सीट (Peerpainti Assembly Election) से इस बार भी पिता-पुत्र आमने सामने हैं. यहां के निवर्तमान राजद विधायक रामविलास पासवान तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं. रामविलास पासवान के पिता उदाली पासवान भी चुनावी मैदान में डटे हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में रामविलास पासवान पहली बार विधायक बने थे.
चाचा-भतीजा ने चुनाव को बनाया रोचक
छपरा की मढ़ौरा विधानसभा सीट (Marhaura Assembly Election) चाचा-भतीजा आमने सामने हैं. जनता दल राष्ट्रवादी के प्रत्याशी चाचा जयराम राय के खिलाफ भतीजा आनंद राय ने निर्दलीय ताल ठोंका है. आनंद राय छपरा के पूर्व जदयू विधायक रामप्रवेश राय के पुत्र हैं. जयराम राय इससे पहले 2010 में निर्दलीय व 2015 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं.
भैंसुर और भावज भी आमने सामने
नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र (Narkatiaganj Assembly Seat) पर भैंसुर और भावज भी चुनावी मैदान में एक दूसरे के खिलाफ उतरे हैं. भाजपा प्रत्याशी रश्मि वर्मा के खिलाफ उनके भैंसुर विनय वर्मा चुनावी मैदान में हैं. 2015 में भी दोनों के बीच टक्कर हुई थी, तब विनय वर्मा कांग्रेस के उम्मीदवार थे और रश्मि वर्मा टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय मैदान में उतरी थी. हालांकि उस चुनाव में रश्मि वर्मा को हार का सामना करना पड़ा था. रश्मि वर्मा तीसरे स्थान पर रही थी.
देवर से सामने भाभी की चुनौती
पश्चिम चंपारण की लौरिया विधानसभा सीट (Lauria Assembly Election) पर इस बार देवर- भाभी आमने सामने हैं. भाजपा ने इस सीट से विनय बिहारी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं उनके खिलाफ उनकी भाभी नीलम सिंह चुनावी मैदान में हैं. नीलम सिंह के पति विजय शंकर सिंह आईआरएस अधिकारी रह चुके हैं.