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बिहार चुनाव: आपराधिक प्रत्याशी के अपराधों का टीवी और न्यूजपेपर में तीन बार करना होगा प्रचार

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में आपराधिक प्रत्याशी उतारने वाले राजनीतिक दलों की मुसीबत और बढ़ गई है. चुनाव आयोग (Election Commission) के निर्देश के मुताबिक अब आपराधिक प्रत्याशी के अपराधों का पार्टियों को तीन बार प्रचार करना होगा. चुनाव से पहले तीन बार टीवी और अखबार में उन प्रत्याशियों के अपराध की जानकारी देनी होगी. बिहार चुनाव के साथ- साथ कई राज्यों में होने वाले उपचुनावों को लेकर यह निर्देश जारी किया गया है.

चुनाव आयोग (Election Commission) के इस निर्देश से आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों के लिये टेंशन और बढ़ गई है. चुनाव आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि यदि कोई राजनीतिक दल आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाते हैं, तो उनके अपराध के प्रचार की जिम्मेदारी राजनीतिक दल की होगी.

चुनाव आयोग (Election Commission) के मुताबिक पहली बार यह प्रचार नाम वापसी की तारीख के चार दिन पहले करने होगी. दूसरी बार नाम वापसी की तारीख के पांचवें दिन से लेकर आठवें दिन तक करना होगा. तीसरा प्रचार नौवें दिन से लेकर प्रचार के आखिरी दिन तक करना होगा.

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2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश:

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में एक रिट याचिका पर निर्देश दिया था कि आपराधिक मामले में शामिल नेताओं का राजनीतिक दल प्रचार करें. चुनाव आयोग (Election Commission) के मुताबिक इस निर्देश से लोगों को योग्य उम्मीदवार चुनने में मदद मिलेगी.

अक्टूबर- नवंबर में होंगे चुनाव

बता दें कि बिहार में इसी साल अक्टूबर- नवंबर में चुनाव होने हैं. लगभग सभी राजनीतिक दलों में ऐसे उम्मीदवारों की भरमार है, ऐसे में चुनाव से पहले यह नया निर्देश पार्टियों की टेंशन बढ़ाने वाला है.