बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह का 86 साल की उम्र में निधन, लंबे समय से बीमार थे
1 min readपटना. बिहार के पूर्व राज्यपाल और आठ बार लोकसभा सांसद रहे बूटा सिंह का शनिवार को निधन (Buta Singh death) हो गया. कांग्रेस नेता बूटा सिंह 86 साल के थे और लंबे समय से बीमार थे. बूटा सिंह Buta Singh) की पहचान एक बड़े दलित नेता के रूप में रही है. वह राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री और मनमोहन सिंह की सरकार में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके थे. पीएम मोदी और राहुल गांधी ने उनके निधन पर दुख जताया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट किया ‘श्री बूटा सिंह जी गरीबों के कल्याण के साथ-साथ दलितों के कल्याण के लिए एक अनुभवी प्रशासक और प्रभावी आवाज थे. उनके निधन से मैं दुखी हूं. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना है’.
Shri Buta Singh Ji was an experienced administrator and effective voice for the welfare of the poor as well as downtrodden. Saddened by his passing away. My condolences to his family and supporters.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 2, 2021
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर कहा कि ‘सरदार बूटा सिंह जी के देहांत (Buta Singh death) से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है. उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा. इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं’.
सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है।
उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा।
इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2021
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बूटा सिंह (Buta Singh) का जन्म 21 मार्च 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर में हुआ था. बूटा सिंह गृह मंत्री और राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके थे. वह पांच नवंबर 2004 से 29 जनवरी 2006 तक बिहार के राज्यपाल रहे थे. उन्होंने पहला चुनाव अकाली दल के टिकट पर लड़ा, लेकिन 1960 के दशक में वह कांग्रेस में शामिल हो गए.
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