बिहार में कोरोना जांच फर्जीवाड़ा केस में कार्रवाई, तेजस्वी यादव ने कहा, दिखावा कर रही सरकार
1 min readपटना. बिहार में कोरोना जांच में फर्जीवाड़े (Corona virus testing fraud case) के बाद बिहार सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. मामले में जमुई सिविल सर्जन (Jamui Civil Surgeon) सहित कई स्वास्थ्यकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि छह को बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं बिहार सरकार के एक्शन पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इसे दिखावा बताते हुए अधिकारियों को बचाने की साजिश बताया है.
बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार को कहा था कि मामले की पूरी गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया है. अगर किसी भी स्तर से कोई गड़बड़ी किया है तो उसे छोड़ेंगे नहीं.
वहीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने कहा है कि पूरे बिहार में कोविड टेस्ट से जुड़ी गड़बड़ियों की जांच (Corona virus testing fraud case) के लिए विशेष टीम भी बनाई गई है, जो अलग-अलग जिलों में जाकर जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने भी सभी जिलाधिकारियों को अपने स्तर से जांच करवाने का निर्देश दिया है. मंगल पांडेय ने कहा कि जांच में गड़बड़ी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. पूरे मामले की जांच के लिए टीम बनाई गई है.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जमुई में सिकंदरा और बरहट प्रखंड में कोरोना जांच के दौरान गड़बड़ी की बात आई थी, जिसकी जांच करने पर सही पाया गया. मामले में जमुई के सिविल सर्जन विजेंद्र सत्यार्थी, डीपीओ सुधांशु लाल सहित पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा भी कई स्वास्थ्यकर्मी पर भी कार्रवाई हुई है.
क्या है पूरा मामला:
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पटना, शेखपुरा और जमुई के 6 PHC में 16, 18 और 25 जनवरी को कोरोना जांच के 588 एंट्री की जांच की गई तो पता चला कि डेटा प्रोटोकॉल को पूरा करने के लिए नाम, उम्र और मोबाइल फोन नंबर की पूरी डेटा एंट्री ही फर्जी थी. जमुई के बरहट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोबाइल नंबर के रूप में 0000000000 (10 शून्य) रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 25 जनवरी को भी 83 लोगों में से 46 के मोबाइल नंबर की जगह 10 शून्य लिखा गया है. PHC जमुई सदर में भी 16 जनवरी को 150 एंट्री में से 73 के लिए मोबाइल नंबर की जगह 10 शून्य का इस्तेमाल किया गया है.
तेजस्वी यादव ने बताया दिखावा:
वहीं मामले को लेकर बिहार सरकार की फजीहत हो रही है. विपक्ष इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेर रहा है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने ट्वीट कर कहा कि अरबों का कोरोना घोटाला सामने आने के बाद नीतीश जी दिखावटी तौर पर जैसा कि पूर्व के 61 घोटालों में करते आए है छोटे स्तर के कर्मचारियों को बर्खास्त करने का नाटक रच, धन उगाही कर JDU को चुनावी चंदा देने वाले उच्च अधिकारियों को बचायेंगे. यही नीतीश कुमार की स्थापित नीति, नीयत और नियम है.
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