चीन विवाद पर राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह, कड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा भारत
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Rajnath singh
नई दिल्ली. जून माह में गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. सात सितंबर को पैंगोंग त्सो झील के पास गोलीबारी के बाद बॉर्डर पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है. गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के शहीद होने और ताजा गोलीबारी के बाद भारत का रूख भी सख्त है.
गुरूवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भी राज्यसभा में अपनी बात रखी. रक्षा मंत्री ने कहा कि देश हित में चाहे जितना बड़ा या कड़ा क़दम उठाना पड़े भारत पीछे नहीं हटेगा. भारत न तो अपना मस्तक झुकने देगा और न ही किसी का मस्तक झुकाना चाहता है. राजनाथ सिंह ने चीन पर कई आरोप भी लगाये.
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं, हम मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हमारे सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए डटकर खड़े हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा का प्रश्न अब तक अनसुलझा है, अगर एलएसी पर तनाव रहा तो रिश्ते मधुर नहीं सकते।
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बता दें कि पिछले हफ्ते दोनों देश के विदेश मंत्रालय के बीच एलएसी पर जारी तनाव करने के लिये पांच बिंदुओं पर सहमति बनी, मगर उसके बाद भी हालात जस के तस हैं. चीनी सेना फिंगर-5 से फिंगर-8 क्षेत्र के बीच पांच किलोमीटर इलाके में भारी हथियारों के साथ तैनात है. बता दें कि 1993 और 1996 के समझौते में यह स्पष्ट है कि एलएएसी के पास दोनों देश अपनी सेनाओं की संख्या कम से कम रखेंगे।