राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी, पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई, जानिये इसकी खास बातें
1 min readनई दिल्ली. मोदी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक और 676 जिलों से सलाह के आधार पर यह शिक्षा नीति बनाई गई है। दो लाख लोगों ने इसको लेकर सुझाव दिया है। अब पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की खास बातें:
पांचवी तक पढ़ाई के लिए मातृभाषा या स्थानीय भाषा के जरिए होगी। इसे आठवीं कक्षा तक इसे आठवीं कक्षा तक भी बढ़ाया जा सकता है। छठी कक्षा के बाद से ही वोकेशनल एजुकेशन की शुरुआत होगी। म्यूज़िक और आर्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा।
यूनिवर्सिटीज और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एन्ट्रेंस एग्जाम लिये जायेंगे।
चार साल का डिग्री प्रोग्राम फिर एमए और उसके बाद बिना एम फिल के सीधा पीएचडी कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल कोर्सेज को खत्म किया गया।
उच्च शिक्षा के लिए बनाए गए सभी तरह के डीम्ड और संबंधित विश्वविद्यालय को सिर्फ अब विश्वविद्यालय के रूप में ही जाना जाएगा।
ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने का संस्थानों के पास विकल्प होगा।
प्राथमिक स्तर पर शिक्षा में बहुभाषिकता को प्राथमिकता के साथ शामिल करने और ऐसे भाषा शिक्षकों की उपलब्धता को महत्व दिया दिया गया है जो बच्चों के घर की भाषा समझते हों।
नई शिक्षा नीति के तहत छात्र कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाख़िला लेना चाहें तो वो पहले कोर्स से एक ख़ास निश्चित समय तक ब्रेक ले सकते हैं और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं।
जो छात्र रिसर्च करना चाहते हैं उनके लिए चार साल का डिग्री प्रोग्राम होगा। वो एक साल के एमए (MA) के साथ चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद सीधे पीएचडी (PhD) कर सकते हैं। उन्हें एमफिल करने की जरूरत नहीं होगी। जो लोग नौकरी में जाना चाहते हैं वो तीन साल का ही डिग्री प्रोग्राम करेंगे।
नई शिक्षा नीति में प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा और तीन साल की आंगनवाड़ी होगी। छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए तीन साल की प्री-प्राइमरी और पहली तथा दूसरी क्लास को रखा गया है। इसके बाद तीसरी, चौथी और पांचवीं क्लास को रखा गया है। मिडिल स्कूल यानि 6-8 कक्षा में सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा. सभी छात्र केवल तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा में परीक्षा देंगे। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पहले की तरह जारी रहेगी।
नई शिक्षा नीति 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए होगा।
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— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 29, 2020