नहीं रहे Motilal Vora, जब कैबिनेट मंत्री बनाने की सिफारिश कर रहे वोरा को राजीव गांधी ने बना दिया था CM
1 min readनई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी रहे मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) का निधन हो गया. मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) ने 93 साल में दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में आखिरी सांस ली. वह कुछ हफ्ते पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और कई दिनों तक एम्स में भर्ती रहने के बाद उन्हें छुट्टी भी मिल गई थी. मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री और यूपी के राज्यपाल भी रहे थे. वर्तमान में मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद थे. पिछले साल उन्हें कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा थी. पीएम मोदी (PM Modi) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने उनके निधन पर शोक जताया है. एक दिन पहले ही उन्होंने अपना जन्मदिन भी मनाया था.
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, ‘वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और बेहतरीन इंसान थे. हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी. उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरा स्नेह एवं संवेदना है.’
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दिलचस्प है उनके मध्य प्रदेश के सीएम बनने की कहानी:
साल 1985, विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद अर्जुन सिंह ने 9 मार्च 1985 को सीएम पद की शपथ ले ली. शपथ लेने के बाद 10 मार्च को वह राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के पास मंत्रिमंडल की सूची लेकर गए. लेकिन राजीव गांधी अब एमपी की राजनीति से अर्जुन सिंह को निकालना चाहते थे. राजीव गांधी ने अर्जुन सिंह से पसंद का सीएम का नाम पूछा. जिसके बाद उन्होंने मोतीलाल वोरा का नाम सुझाया.
स्पेशल विमान से अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह मोतीलाल वोरा को लेकर दिल्ली पहुंचे. मोतीलाल वोरा अजय सिंह से अर्जुन सिंह की कैबिनेट में मंत्री बनाने की सिफारिश कर रहे थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) उस समय विदेश दौरे पर जा रहे थे. राजीव गांधी से मोतीलाल वोरा की मुलाकात पालम एयरपोर्ट पर मुलाकात हुई। मोतीलाल वोरा को देखते ही राजीव गांधी ने उन्हें कह दिया कि आप मध्यप्रदेश के अगले सीएम हैं.
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मोतीलाल वोरा का राजनीतिक सफर:
मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) का राजनीतिक सफर 1960 में शुरू हुआ था. शुरूआत में समाजवादी विचारधारा वाली पार्टी के साथ जुड़े मोतीलाल वोरा 1970 में कांग्रेस में आए. एक दशक के भीतर ही वो गांधी परिवार के काफी करीब आ गए. 1983 में इंदिरा गांधी सरकार में वोरा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में वोरा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला. (पहली बार वह 13 मार्च 1985 से लेकर 13 फरवरी 1988 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. दोबारा वह 25 जनवरी 1989 को सीएम बने थे). वह राजीव गांधी सरकार में भी स्वास्थ्य मंत्री भी बनाये गये थे. साल 2019 में मोतीलाल वोरा को अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा थी.
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