नवजोत सिंह सिद्धू पाटियाला जेल भेजे गये, जानिये क्रिकेटर से कैदी नंबर 241383 तक के सफर की पूरी कहानी
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(Photo-Social Media)
पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) को पाटियाला जेल भेज दिया गया. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) को 24 साल पुराने रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई थी और उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा गया था. सिद्धू ने शुक्रवार को पाटियाला कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया. बता दें कि इस मामले में सिद्धू का जिस व्यक्ति से झगड़ा हुआ था, उसकी मौत हो गई थी. सिद्धू को पाटियाला जेल के वार्ड नंबर 10 में रखा गया है
क्या है पूरा मामला:
सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के खिलाफ रोडरेज से जुड़ा मामला साल 1988 का है. सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया. आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई, जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया था, बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि बुजुर्ग की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है. पुलिस ने उस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था.
हाईकोर्ट ने सुनाई थी तीन साल की सजा:
यह मामला अदालत में पहुंचा. सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में बरी कर दिया था. इसके बाद पीड़ित पक्ष ने साल 2022 में सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई. उस वक्त के भाजपा के दिग्गज नेता और वकील अरुण जेटली ने उनका केस लड़ा था. सुनवाई के दौरान SC ने HC के फैसले पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी सिद्धू और उनके दोस्त को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. लेकिन इस मामले में फिर से पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई. जिसके बाद अदालत का यह फैसला आया है.
कैदी नंबर 241383 बने सिद्धू:
पटियाला जेल में सिद्धू कैदी नंबर 241383 बने हैं. सिद्धू को जेल में एक कुर्सी, मेज, दो पगड़ी, एक अलमारी, एक कंबल, एक बेड, तीन अंडरवियर और बनियान, दो टॉवल, एक मच्छरदानी, एक कॉपी पेन, एक शूज की जोड़ी, दो बेडशीट, चार कुर्ते पजामे और दो सिरहाने का कवर दिया गया है. जेल को काम के बदले 30 से 90 रुपए प्रतिदिन मिलेंगे.
नवजोत सिंह सिद्धू का सफर:
58 साल के नवजोत सिंह सिद्धू के करियर की बात करें तो उन्होंने बतौर क्रिकेटर 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था, वहीं वनडे क्रिकेट में 1987 में उन्होंने अपना ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला मैच खेला. 1998 में उन्होंने अपना आखिरी वनडे, वहीं 1999 में उन्होंने अपना अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला. अपने करियर में सिद्धू ने 51 टेस्ट मैच और 136 वनडे मैच खेले. 51 टेस्ट मैच की 78 इनिंग में उनके नाम 3202 रन है, जिसमें नौ शतक, एक दोहरा शतक और 15 अर्धशतक है. वहीं 136 वनडे में उन्होंने 4413 रन बनाये हैं. वनडे में उनके नाम छह शतक और 33 अर्धशतक है.
2004 में पहली बार जीता था लोकसभा चुनाव:
सिद्धू की राजनीतिक पारी की बात करें तो भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने 2004 में सिद्धू को भाजपा में शामिल किया था. साल 2004 में ही सिद्धू ने पहली बार अमृतसर लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और एक लाख के अधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीता. साल 2006 में सिद्धू ने हत्या के आरोपों का सामना करने के बाद लोकसभा से अपना इस्तीफा दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से चुनाव लड़ने की इजाजत मिलने के बाद साल 2007 में अमृतसर से ही सिद्धू ने उप-चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस नेता सुरिंदर सिंगला को हराया.
मोदी सरकार ने अप्रैल 2016 में सिद्धू को राज्यसभा में नामांकित किया, मगर साल 2016 को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था और साल 2017 में सिद्धू कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. जिसके बाद उसी साल पंजाब विधानसभा चुनावों में पूर्वी अमृतसर से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने 42,809 मतों के अंतर से चुनाव जीता. वह पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी बनाये गये. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सिद्धू को करारी हार का सामना करना पड़ा.
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