बिहार के रहने वाले हैं टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले प्रमोद भगत, पांच साल की उम्र में हुआ था पोलियो
1 min readटोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) के बैडमिंटन में गोल्ड जीतकर प्रमोद भगत ने देश को गौरवान्वित किया है. बिहार के रहने वाले प्रमोद भगत (Pramod Bhagat Bihar) की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार सहित कई हस्तियों ने उन्हें बधाई दी है. प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) पैरालंपिक के बैडमिंटन इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बन गए हैं.
विश्व के नंबर वन खिलाड़ी प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) ने बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएल3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के वर्ल्ड नंबर-2 डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से मात देकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
बिहार के रहने वाले हैं प्रमोद:
बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत बिहार के हाजीपुर के रहने वाले (Pramod Bhagat Bihar) हैं. पांच साल की उम्र में प्रमोद पोलियो का शिकार हो गये थे. बेहतर इलाज के लिये उनकी बुआ उन्हें ओडिशा लेकर चली गई थी. बुआ की कोई अपनी औलाद नहीं थी, जिसकी वजह से प्रमोद का लालन-पालन ओडिशा में ही हुआ. इंटर पास करने के बाद प्रमोद ने आईटीआई किया. प्रमोद ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया. साल 2006 में उनका चयन ओडिशा टीम में हुआ. 2019 में वह राष्ट्रीय टीम के लिये चुने गये.
प्रमोद भगत ने इसी साल दुबई पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में उन्होंने दो गोल्ड जीते थे. प्रमोद वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी चार गोल्ड जीत चुके हैं. इसके अलावा 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था. वह अब तक लगभग 45 मेडल जीत चुके हैं. प्रमोद कुमार बिहार के दूसरे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पैरालंपिक में मेडल जीता है. इससे पहले मुजफ्फरपुर के शरद कुमार ने हाई जंप में कांस्य पदक जीता था. उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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