मशहूर शायर राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन, कोरोना रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव
1 min readइंदौर. देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी (Rahat Indori) का मंगलवार को निधन हो गया। 70 साल के राहत इंदौरी (Rahat Indori) ने इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। सोमवार की रात राहत इंदौरी का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया था। राहत इंदौरी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। राहत इंदौरी का मंगलवार की शाम पांच बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ है।
राहत साहब का Cardiac Arrest की वजह से आज शाम 05:00 बजे इंतेक़ाल हो गया है…..
उनकी मग़फ़िरत के लिए दुआ कीजिये….
— Dr. Rahat Indori (@rahatindori) August 11, 2020
इससे पहले राहत इंदौरी ने कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ट्वीट किया था कि कोविड के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं। दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी।
कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है.ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूँ
दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूँएक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी.
— Dr. Rahat Indori (@rahatindori) August 11, 2020
राहत इंदौरी के निधन पर कुमार विश्वास ने लिखा है कि हे ईश्वर ! बेहद दुखद ! इतनी बेबाक़ ज़िंदगी और ऐसा तरंगित शब्द-सागर इतनी ख़ामोशी से विदा होगा,कभी नहीं सोचा था ! शायरी के मेरे सफ़र और काव्य-जीवन के ठहाकेदार क़िस्सों का एक बेहद ज़िंदादिल हमसफ़र हाथ छुड़ा कर चला गया। सोशल मीडिया पर तमाम लोग राहत इंदौरी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
राहत इंदौरी का जीवन परिचय:
राहत इंदौरी का जन्म एक जनवरी 1950 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया। उसके बाद 1985 में मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। पीएचडी करने के बाद शुरूआती दिनों में अध्यापन का कार्य किया। उसके बाद वह मुशायरों में व्यस्त हो गये। उन्होंने उर्दू साहित्य की दुनिया में एक अहम जगह बनाई।
उन्होंने बॉलीवुड की फिल्मों के लिये कई गाने लिखे। उन्होंने फिल्म मिशन कश्मीर का ‘बुमरो’ सॉन्ग, मर्डर का ‘दिल को हजार बार रोका’, करीब का ‘चोरी चोरी जब नजरें मिली’, इश्क का ‘नींद चुराई मेरी’ और मुन्ना भाई एमबीबीएस का ‘यार जरा माहौल बना’ गीत लिखा था।
राहत इंदौरी लगातार 40 से 45 साल के मुशायरा और कवि सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे। कविता पढ़ने के लिए उन्होंने कई बार अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, मॉरीशस, दुबई, कुवैत, बहरीन, ओमान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल आदि की यात्रा की थी।