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रामविलास पासवान ने 1983 में बनाई थी दलित सेना, पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर बने थे सांसद

पटना. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के निधन से बिहार के सियासी गलियारों में शोक का माहौल है. रामविलास पासवान का राजनीतिक सफर लगभग 50 साल का रहा. रामविलास पासवान के नाम छह प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री रहने का रिकॉर्ड है. इसके अलावा राजनीतिक मौसम का पूर्वानुमान लगाने में महारत हासिल था, जिसकी वजह से लालू प्रसाद ने उन्हें मौसम वैज्ञानिक का नाम दिया था.

रामविलास पासवान का राजनीतिक सफऱ:

रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के राजनीतिक जीवन की शुरूआत साल 1969 में हुई थी. 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर बिहार विधानसभा पहुंचे. 1974 में वह जयप्रकाश नारायण से जुड़े और लोकदल के महासचिव बनाये गये. 1975 में भारत में आपातकाल की घोषणा हुई तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 1977 में जब वह जेल से बाहर आये तो जनता पार्टी के सदस्य बन गये और पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर लोकसभा सीट (Hajipur Parliamentary Seat) से सांसद बने. उन्होंने इसी साल सबसे अधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी बालेश्वर राम को 4 लाख 25 हजार 545 मतों के विशाल अंतर से हराकर विश्व रिकार्ड बनाया था. इसके बाद वह लगातार 1980 और 1984 में चुनाव जीता.

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन, बिहार के सियासी गलियारों में शोक की लहर

1983 में बनाई थी दलित सेना:

रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) ने 1983 में दलित मुक्ति और कल्याण के लिये दलित सेना का निर्माण किया था. 1989 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वह पहली बार विश्वनाथ सिंह की सरकार में केंद्रीय श्रम और कल्याण मंत्री बने. 1996 में देवगौड़ा की सरकार में केंद्रीय रेल मंत्री बने. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें केंद्रीय संचार मंत्री और कोयला मंत्री का पद संभाला. साल 2000 में वह जनता दल से अलग होकर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का गठन किया. 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद रामविलास पासवान मनमोहन सिंह सरकार में रसायन एवं उर्वेरक और इस्पात मंत्रालय का कार्यभार संभाला. साल 2014 में मोदी सरकार में चुनाव से पहले शामिल हुए और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बने. 2019 में वह बिहार से राज्यसभा के लिये भेजे गये और जब मोदी सरकार दुबारा सत्ता में आई और एक बार फिर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय का पदभार दिया गया. 08 अक्टूबर 2020 को उनका दिल्ली में निधन हो गया.

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2009 लोकसभा चुनाव में मिली थी हार:

रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) को उस समय बड़ा झटका लगा था, जब 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हाजीपुर संसदीय सीट से हार का सामना करना पड़ा था. रामविलास पासवान लालू यादव की पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरे थे और यहां से उन्हें जेडीयू के रामसुंदर दास के हाथों हार का सामना करना पड़ा. 2009 में उनकी पार्टी का राज्य में खाता भी नहीं खुला था.