UP Election 2022: हरिशंकर तिवारी की फैमिली सहित कई ब्राह्मण नेताओं ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा
1 min readवाराणसी. पूर्वांचल के बड़े नेता हरिशंकर तिवारी की फैमिली सहित कई ब्राह्मण नेताओं ने रविवार को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण (Many Brahman Leaders Join SP) कर ली. सपा में शामिल होने वाले नेताओं में एक बसपा और एक बीजेपी के विधायक भी शामिल हैं. इसके अलावा बुन्देलखंड इंसाफ सेना, निषाद सेना और कांशीराम सर्वसमाज सेना ने अपनी पार्टी का सपा में विलय करने का ऐलान किया.
समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं (Many Brahman Leaders Join SP) में गोरखपुर के चिल्लूपार से विधायक विनय शंकर तिवारी (हरिशंकर तिवारी के बेटे), खलीलाबाद के भाजपा विधायक जय चौबे, विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय (हरिशंकर तिवारी के भांजे), पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी (हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे) , ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मीपुर गोरखपुर संतोष पाण्डेय, बसपा के पूर्व प्रत्याशी संजय दीक्षित, फतेहपुर सदर से बसपा के पूर्व प्रत्याशी समीर त्रिवेदी, गोण्डा कर्नैलगंज के पूर्व बसपा प्रत्याशी संतोष तिवारी सहित बसपा के कई पदाधिकारी, कई पूर्व प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य और प्रधान भी शामिल हैं.
READ: PM Modi का ट्विटर अकांउट हैक, बिटकॉइन को लेकर किया गया यह ट्वीट
यह नेता भी हुए शामिल:
अजय दुबे, विक्रम दुबे, इटावा के पूर्व जिला मंत्री शिव कुमार निषाद, पूर्व विधायक कुशीनगर आनन्द शर्मा, अधिवक्ता शिवेन्द्र पाण्डेय, आम आदमी पार्टी बरेली के जिला सचिव शिव औतार शर्मा, योगेन्द्र शर्मा अध्यक्ष फोनरवा गौतमबुद्धनगर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जलालुद्दीन सिद्दीकी, मूलचरन निषाद और मनोज चौधरी.
इन पार्टियों का सपा में विलय:
निषाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द निषाद, बुन्देलखंड इंसाफ सेना बांदा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए.एस. नोमानी और कांशीराम सर्व समाज सेना गाजियाबाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोबी अन्ना ने अपनी-अपनी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय करने की घोषणा की.
वहीं इस मौके पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि यूपी की जनता हमारे साथ है. सपा को विधानसभा चुनाव में एकतरफा जीत मिलेगी. अखिलेश यादव ने कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी हमारी सरकार की कैबिनेट में पास किया गया था. मैं इसके दस्तावेज पेश कर सकता हूं. ये उद्घाटन और शिलान्यास इसलिए हो रहे हैं जिससे किसानों के मुद्दे पर से ध्यान हटाया जा सके.