पटना. बिहार में एक तरफ जहां कोरोना से तबाही मची है, वहीं दूसरी तरफ राज्य में एक बार फिर बाढ़ ने दस्तक दे दी है। राज्य के 15 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। उत्तर बिहार की नौ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पूर्णिया में महानंदा, सीतामढ़ी में बागमती, सहरसा और भागलपुर में कोसी नदी विकराल रूप में आ चुकी है। नदियों के बढ़ते जलस्तर ने इन इलाके में बसे लोगों की चिंता बढ़ा दी है और लोग इन इलाकों से पलायन भी करने लगे हैं।
![दरभंगा में बाढ़ का कहर](http://boundaryline.in/wp-content/uploads/2020/07/darbhanga-flood-300x225.jpg)
पानी के बढ़ते जलस्तर के कारण किसानों की फसल पूरी तरह डूब चुकी है, यहीं नहीं कई कच्चे मकान भी धराशायी हो चुके हैं। लोगों की आने जाने वाली सड़कों पर पानी भरा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिये कुछ जिलों में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है, बावजूद इसके हजारों लोग अभी भी बेहाल हैं। लोगों ने खुद से ऊंचे स्थानों पर शरण ली है। लोग नाव के सहारे परिवार को साथ लेकर सुरक्षित स्थानों की तरफ निकल चुके हैं।
![बाढ़ से प्रभावित मोतिहारी का ग्रामीण इलाका](http://boundaryline.in/wp-content/uploads/2020/07/moltihari-flood-300x142.jpg)
बिहार की सभी प्रमुख नदियां ऊफान पर:
राज्य की सभी प्रमुख नदियां बागमती, कोसी, गंडक महानंदा खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं । बिहार के मुजफ्फरपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, भागलपुर और सहरसा के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ से बुरे हालात हैं । इन नदियों का अलावा गंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। आने वाले एक दो दिनों में स्थिति और विकट हो सकती है ।
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