जानिये कौन हैं शुभेंदु अधिकारी, जिनके इस्तीफे से बंगाल की राजनीति में मचा है हंगामा
1 min readकोलकाता. पश्चिम बंगाल की राजनीति में इन दिनों हंगामा मचा है. शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने बुधवार को टीएमसी (TMC) विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके बीजेपी (BJP) में शामिल होने की संभावना है. शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ममता के करीबी नेताओं में से गिने जाते थे और उनकी छवि एक प्रभावशाली नेता की रही है. पूर्वी मिदनापुर (East MidnaPur) जिलों की 16 विधानसभा सीटों सहित कुल 55-60 सीटों पर उनकी खासी पकड़ मानी जाती है.
कौन हैं शुभेंदु अधिकारी:
शुभेंदु (Suvendu Adhikari) के पिता शिशिर अधिकारी (Shishir Adhikari) तृणमूल कांग्रेस (TMC) के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं. शुभेंदु का राजनीतिक करियर 1990 में शुरू हुआ था. शुभेंदु अधिकारी 1989 में छात्र परिषद के प्रतिनिधि चुने गए. वह 36 साल की उम्र में पहली बार 2006 में कांथी दक्षिण सीट से विधायक चुने गए. मगर उन्हें पहचान 2007 में हुए नंदीग्राम आंदोलन से मिली. 2007 के नंदीग्राम में ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुए आंदोलन में शुभेंदु प्रमुख भूमिका में रहे. इस आंदोलन में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में कई लोगों की मौत के बाद आंदोलन और और उग्र हो गया और सरकार को झुकाना पड़ा.
इसी आंदोलन के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) मजबूत हुआ. 2011 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बहुमत के साथ सरकार बनाई. शुभेंदु (Suvendu Adhikari) 2009 और 2014 में तुमलुक लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे. 2016 में नंदीग्राम से विधायक बनने के बाद उन्हें ममता सरकार में मंत्री बनाया गया. शुभेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहन, जल संसाधन और विकास विभाग और सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग के मंत्री भी रहे.
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शुभेंदु (Suvendu Adhikari) के पिता शिशिर अधिकारी (Shishir Adhikari) वर्तमान में तुमलुक लोकसभा सीट से सांसद हैं. वे मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री भी रहे. वहीं शुभेंदु के भाई दिव्येंदु अधिकारी कांथी लोकसभा सीट से सांसद हैं. पूर्वी मिदनापुर के अंतर्गत 16 विधानसीटें आती हैं. इसके अलावा पश्चिमी मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया जिलों की करीब 5 दर्जन सीटों पर अधिकारी परिवार का प्रभाव माना जाता है. इसके अलावा मुर्शिदाबाद और मालदा में भी शुभेंदु की अच्छी पकड़ बताई जाती है. ममता सरकार से काफी लंबे समय से नाराज चल रहे शुभेंदु अधिकारी ने 27 नवंबर को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. 16 नवंबर को उन्होंने विधायक दल के नेता से भी इस्तीफा दे दिया.
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